मीडिया ग्रुप, 12 दिसंबर, 2023
पीके यूनिवर्सिटी, मध्य प्रदेश के कुलपति (Vice Chancellor) की जान बचाने के चक्कर में छात्रों पर डकैती की एफआईआर दर्ज हो गई।
छात्रों का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपने वीसी की जान बचाने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी हुई एक जज की गाड़ी को जबरन छीन लिया था और वीसी को अस्पताल लेकर गए थे।
आपको बता दें कि वीसी की जान नहीं बच सकी, बल्कि छात्रों पर एफआईआर दर्ज हो गई। जिन छात्रों पर एफआईआर दर्ज हुई वह एबीवीपी के कार्यकर्ता बताए गए हैं। यही वजह रही की सोमवार की रात भर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पड़ाव थाने में धरना प्रदर्शन किया।
दरअसल, इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत दिल्ली से ग्वालियर आने वाली दक्षिण एक्सप्रेस में हुई। रविवार की रात को दिल्ली से चलकर ग्वालियर आ रही दक्षिण एक्सप्रेस में शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के वीसी (वाइस चांसलर) रणजीत सिंह यादव (68) अपने कुछ छात्रों के साथ सफर कर रहे थे।
जब ट्रेन आगरा पहुंची तो अचानक वीसी के सीने में दर्द होने लगा और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। मुरैना आते-आते रणजीत सिंह यादव की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई। यह देख उनके साथ मौजूद छात्र परेशान हो उठे। छात्रों ने रेलवे की हेल्पलाइन पर मदद मांगी।
जैसे ही ग्वालियर रेलवे स्टेशन आया तो वीसी की हालत को देखकर छात्र ट्रेन से उतर प्लेटफार्म नंबर एक की तरफ पहुंचे। यहां जब छात्रों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए कोई मदद नहीं मिली, तो उन्होंने प्लेटफॉर्म नंबर-1 के बाहर हाईकोर्ट जस्टिस की गाड़ी लेकर खड़े ड्राइवर से तड़पते वीसी को अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई लेकिन जब ड्राइवर इसके लिए तैयार नहीं हुआ तो छात्रों ने ड्राइवर से चाबी छीन ली।
इसके बाद छात्र वीसी को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद वीसी रणजीत सिंह यादव को मृत घोषित कर दिया। इधर, जैसी ही जज की गाड़ी लूटने की जानकारी पुलिस को मिली तो पुलिस हरकत में आ गई।
शहर की नाकाबंदी कर दी गई, हालांकि, जल्द ही पुलिस को जज की गाड़ी जयारोग्य अस्पताल के पास खड़ी मिल गई।
इसके बाद जीआरपी के आरक्षक राकेश सेंगर की शिकायत पर छात्रों के खिलाफ पड़ाव थाने में डकैती की धारा में एफआईआर दर्ज कर ली गई।