मीडिया ग्रुप, 15 अक्टूबर, 2023
रूद्रपुर। एसटीएफ की साईबर पुलिस ने रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी के साथ हुई लाखों की साइबर ठगी में एक और अभियुक्त को इटावा उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। साईबर अपराधियों ने रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी से फर्जी ट्रैजरी ऑफिसर बनकर फण्ड रीलीज कराने के नाम पर 10.50 लाख की ठगी की थी।
पकड़े गए साइबर ठग से कई क्रेडिट्स और डेबिट कार्ड,बैंक पासबुक,चेक बुक और मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि विगत वर्ष माह अक्टूबर में साइबर ठगी का एक प्रकरण कोतवाली हल्द्वानी जनपद नैनीताल में दर्ज किया गया था।
रिटायर्ड स्वास्थ अधिकारी ने स्वयं के साथ 10 लाख 50 हजार 400 रूपये की धोखाधडी किये जाने के बारे में बताया था। अधिकारी ने बताया कि उनके साथ साईबर ठग द्वारा ट्रेजरी आफिसर बनकर रिटारयरमैण्ट पर प्राप्त होने वाले फण्ड आदि की जानकारी लेकर मोबाईल पर लिंक भेजकर धोखाधडी से उपरोक्त धनराशि आहरित कर ली गयी।
इस अभियोग की विवेचना पुलिस मुख्यालय के आदेश पर थाना कोतवाली हल्द्वानी से साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊँ परिक्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम ललित मोहन जोशी के सुपुर्द की गयी थी। विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य / एटीएम फुटेज एकत्र कर घटना के मुख्य आरोपी अभिषेक शॉ निवासी कोलकता को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
इसी मामले में एक अन्य वांछित अभियुक्त विशाल सिंह की तलाश माह जनवरी 23 से जारी थी। जिसके लिए एसटीएफ द्वारा काफी समय से विभिन्न राज्यों में दबिशे दे रही थी। आरोपी काफी शातिर किस्म का है जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदल रहा था।
साईबर पुलिस टीम ने अथक प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित करते हुये शनिवार देर रात को वांछित अभियुक्त विशाल सिंह को जनपद इटावा उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया अभियुक्त पेशे से ट्रक चालक है।
अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि उसके द्वारा अपने साथी अभिषेक शा के साथ मिलकर फर्जी ट्रेजरी अधिकारी बनकर सरकारी नौकरी से रिटायर्ड कर्मियों से उनके फण्ड, ग्रेचुइटी आदि की रकम को उनके बैंक खातो में स्थानान्तरित करने के नाम पर लिंक भेजकर उनके खातो से लाखों रुपये की धोखाधडी की थी।
धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर किया गया है। अभियुक्तगणों द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम, सोशल मीडिया प्रोफाईल तथा फर्जी खातों का प्रयोग कर ठगी की जाती है। साईबर ठग द्वारा देश में अन्य लोगों के साथ भी साईबर ठगी को अंजाम दिये जाने की आशंका है जिसकी जानकारी अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर की जा रही है।
पुलिस टीम में उपनिरीक्षक दिनेश कुमार पंत, हेड कांस्टैबल हेमचन्द्र मठपाल, कांस्टैबल जितेन्द्र कुमार आदि शामिल थे।