मीडिया ग्रुप, 09 मई, 2023
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में उप वित्त नियंत्रक को फर्जी जाति प्रमाणपत्र पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।
मामला सामने आने के बाद कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान की संस्तुति पर मुख्य कार्मिक अधिकारी बीएल फिरमाल ने यह कार्रवाई की है। वहीं, बर्खास्त उप वित्त नियंत्रक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
ये है पूरा मामला
दरअसल, सत्य प्रकाश कुरील ने 30 अप्रैल 1998 को पंत विवि में बतौर सहायक लेखाकार (वेतनमान 1400-2300) पर कार्यभार ग्रहण किया था। इसके बाद कुरील ने वर्ष 2005 में विवि में सीधी भर्ती से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित लेखाधिकारी के एक पद के लिए भी आवेदन किया था।
जिसमें उन्होंने किच्छा तहसीलदार की ओर से छह अप्रैल 2005 को जारी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र संलग्न किया था। नियुक्ति मिलने के बाद उन्होंने पांच सितंबर 2005 को लेखाधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया।
25 अक्टूबर 2010 को उनकी उप वित्त नियंत्रक के पद पर पदोन्नति हो गई। दिसंबर 2017 में विवि के कुछ कर्मचारियों ने कुरील के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कुलाधिपति, कुलपति व निदेशक प्रशासन को शिकायती पत्र भेजकर उनके जाति व निवास प्रमाणपत्र फर्जी बताते हुए उनकी जांच करवाकर नियुक्ति निरस्त करने की मांग की थी।
पांच साल बाद आया था निर्णय
जांच में अन्य राज्य से भी बने निवास व जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर किच्छा तहसीलदार ने 16 फरवरी 2018 को उनके यहां से जारी जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया था।
जिसके विरोध में कुरील ने शासन के सचिव सोशल वेलफेयर सहित किच्छा एसडीएम व तहसीलदार और पंत विवि को पार्टी बनाकर हाईकोर्ट से स्टे हासिल कर लिया।
मामले में करीब पांच वर्ष चली सुनवाई के बाद एक मई को जस्टिस मनोज कुमार तिवारी ने स्टे खारिज कर केस का निस्तारण कर दिया। इसके बाद से कुरील पर बर्खास्तगी का खतरा मंडरा रहा था। कोर्ट के निर्णय की कॉपी आते ही विवि प्रशासन ने कुरील को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।