मीडिया ग्रुप, 26 मार्च, 2023
विजिलेंस जांच में आयुर्वेद विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है। विजिलेंस जांच में यहां सामान खरीद, निर्माण कार्यों और भर्ती करने में करीब 250 से 300 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
अब जल्द ही मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सतर्कता समिति ने मौखिक अनुमति दे दी है, लेकिन लिखित आदेशों का इंतजार किया जा रहा है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वर्ष 2017 से 2020 तक गलत तरीके से हुई नियुक्तियों, सामान खरीद में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितता की विजिलेंस जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे।
विजिलेंस को अपनाना पड़ा कड़ा रुख
आरोप लगाए गए थे कि यहां पर अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए मनमाने ढंग से विभिन्न कामों के टेंडर भी चहेतों को दिए गए। इसके बाद कार्मिक एवं सतर्कता सचिव शैलेश बगोली ने मई 2022 को आदेश जारी किए थे।
विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा के निर्देश पर जांच इंस्पेक्टर किरन असवाल को सौंपी गई। विजिलेंस टीम ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय पहुंचकर दस्तावेज खंगाले और खरीद कमेटी में शामिल पदाधिकारियों के बयान दर्ज किए।
खुद को फंसता देख आयुर्वेद यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से काफी समय तो विजिलेंस टीम का सहयोग नहीं किया गया। इसके लिए विजिलेंस को कड़ा रुख अपनाना पड़ा।
ये हैं आरोप
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने, माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन न करने, बायोमेडिकल संकाय, संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद्द करने का आरोप है।