भारत, हजारों शहीदों की शहादत से 14–15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि बना स्वतंत्र देश।

मीडिया ग्रुप, 15 अगस्त, 2022

सिमरप्रीत सिंह, आर्टिकल एडिटर मीडिया ग्रुप

भारत में हर वर्ष 15 अगस्त को स्वत्रंता दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता का विशेष महत्व होता है, इसलिए हर भारतीय के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है। 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। स्वतंत्रता दिवस को हम राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मानते हैं।

कई वर्षों के विद्रोहों के बाद ही हमने स्वतंत्रता प्राप्त की और 14 व 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को भारत एक स्वतंत्र देश बन गया। दिल्ली के लाल किले में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार भारत के झंडे को फहराया था। उन्होंने मध्यरात्रि के स्ट्रोक पर “ट्रास्ट विस्ट डेस्टिनी” भाषण दिया।

पूरे राष्ट्र ने उन्हें अत्यंत खुशी और संतुष्टि के साथ सुना। तब से हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री पुरानी दिल्ली में लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और जनता को संबोधित करते हैं। इसके साथ ही तिरंगे को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है।

15 अगस्त को ही आज़ादी का दिन क्यों चुना गया इसके पीछे भी एक अपनी कहानी है। 1947 में भारत में लार्ड माउंटबेटन को गवर्नर के पद पर नियुक्त किया गया था। 15 अगस्त उनका सौभाग्यशाली दिन था क्योकि इससे पहले 15 अगस्त को ही द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने ब्रिटेन के समक्ष समर्पण किया था।

अतः इसलिए लार्ड माउंटबेटन ने पहले से ही 15 अगस्त को भारत की आज़ादी का दिन निर्धारित कर रखा था। इस दिन सभी सरकारी दफ्तर, कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रगान “जन-गण-मन” गया जाता है। स्कूल, कालेजो में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं।

मंगल पांडे, सुभाषचंद्र चंद्र बोस, भगतसिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु आदि कई स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को याद किया जाता है।

कुछ भारतीय पतंग उड़ा कर तो कुछ कबूतर उड़ा कर आज़ादी मानते हैं। प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाना भारत के स्वतंत्रता के इतिहास को जिंदा रखता है और आजादी का सही मतलब लोगों को समझाता है।