साथी की हत्या कर उसके शव को अपने नाम से कराया था पंचनामा, दस साल पहले मरे आरोपी को जिंदा पकड़ लाई पुलिस

उधमसिंह नगर। सितारगंज में अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामले को हटाने के लिए कुख्यात अपराधी ने साथी की हत्या कर शव को अपनी पहचान दे दी। परिजनों ने भी मामले में अपराधी का साथ देकर लावारिस शव की शिनाख्त की। अब हत्याकांड का खुलासा कर पुलिस ने 10 साल पहले कागजों में मरे अपराधी को लालकुआं से गिरफ्तार कर लिया।

एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मुरादाबाद के कुख्यात अपराधी मुकेश ने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामले बंद करवाने के लिए परिजनों के साथ मिलकर खुद को मृत घोषित करने की योजना बनाई। इसके लिए उसने अपने ही गांव के मनिंदर उर्फ मनी को मार डाला और उसके शव को परिजनों ने मुकेश के नाम का पंचनामा करवा लिया। फिर अपने भाई धर्मपाल की मदद से नगर पालिका सितारगंज से मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया।

घटना के बाद मुकेश पुलिस से बचने के लिए नाम बदलकर शाहजहांपुर यूपी में रह रहा था। एसएसपी ने बताया कि कुख्यात अपराधी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया था। टीम ने हसनगंज का मजरा थाना मुढापांडे मुरादाबाद निवासी मुकेश और उसके भाई धरमपाल को लालकुआं से गिरफ्तार कर लिया है।

मुरादाबाद निवासी मोनू (मृतक मनिंदर का भाई) ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को मुकेश के जिंदा होने की सूचना दी। बताया कि मनिंदर उर्फ मनी मुकेश के साथ काम करता था। वह घटना के दिन से लापता है। उच्चाधिकारियों ने उत्तराखंड एसटीएफ को जांच सौंपी। गहन जांच में मामले का खुलासा हो गया और मुकेश को पकड़ लिया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर सितारगंज पुलिस ने मुढापांडे मुरादाबाद निवासी मुकेश यादव, धरमपाल, भीकम सिंह, सुधा, संगीता और रामपुर निवासी पप्पू के खिलाफ केस दर्ज किया था।