उधमसिंह नगर : भाजपा ने अमित सिंह को जिला मंत्री पद से हटाया, ईडी के छापे और गिरफ्तारी के बाद उठाया कदम
उधमसिंह नगर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का छापा पड़ने और गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने अमित सिंह को जिला मंत्री पद से हटा दिया है। जिलाध्यक्ष का कहना है कि आरोपों के सिद्ध होने अथवा निर्दोष साबित होने तक उन्हें पद से हटाया गया है। वह पार्टी के सदस्य बने हुए हैं।
भाजपा में ही अमित सिंह को लेकर बृहस्पतिवार को तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। पार्टी के कई नेता दबी जुबान में लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि भाजपा में अमित सिंह को जिला मंत्री का पद बिना अधिकारिक तरीके से सदस्य बनाए ही दे दिया गया था। इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष गुंजन सुखीजा की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया कि अपरिहार्य कारणों से अमित सिंह को जिला मंत्री पद से मुक्त किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अभी अमित सिंह पर कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। केवल आरोप लगे हैं और आरोप लगना सामान्य बात है, लेकिन भाजपा अनुशासन प्रिय पार्टी है इसलिए आरोपों को सिद्ध होने अथवा निर्दोष साबित होने तक अमित सिंह को पद से हटाया गया है।
अमित सिंह की पार्टी सदस्यता रसीद काटे जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन यह तय है कि पार्टी में उनकी सक्रियता को देखते हुए जिला मंत्री का दायित्व दिया गया था।
गुंजन सुखीजा, जिलाध्यक्ष भाजपा
विधानसभा चुनाव के समय भी खूब चर्चित हुआ था अमित का नाम
अमित सिंह भारतीय जनता पार्टी और उससे जुड़े संगठनों के नेताओं से अपने निकट संबंध के कारण तो चर्चा में रहा ही है। अमित सिंह के संबंध कांग्रेस के नेताओं से भी काफी नजदीकी बताए गए हैं। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के समय पार्टी नेताओं ने उनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल करने का आरोप लगाया। प्रदेश हाईकमान तक भी उनकी शिकायत की गई थी। आरोप यह भी लगे थे कि वह बाजपुर में ही कांग्रेस के नेताओं के साथ सक्रिय थे।
डॉ. हरक सिंह रावत से नजदीकी के चलते वह ईडी के शिकंजे में फंसे बताए जा रहे हैं। उनकी पुत्रवधू के लैंसडोन सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में भी उनकी सक्रियता के आरोप लगे थे। हालांकि भाजपा का कोई भी नेता अमित सिंह पर लगे इन आरोपों के बारे में अब कुछ बोलने को तैयार नहीं है। नाम नहीं छापने की शर्त पर बाजपुर क्षेत्र के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने इतना जरूर कहा कि उस समय यह मामला हर प्रमुख पदाधिकारी के समक्ष उठाया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से मिली जमानत
आईटीआई थाना पुलिस ने भाजपा नेता अमित सिंह को बृहस्पतिवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अर्पित गरोड़िया ने पैरवी करते हुए अमित सिंह की गिरफ्तारी को अनाधिकृत बताया। उन्होंने न्यायालय के समक्ष तर्क पेश किए कि अमित सिंह की गिरफ्तारी में पूरी तरह विधिक तरीका नहीं अपनाया गया है।
उनके घर से कारतूस बरामद करने के जिस दावे पर एफआईआर दर्ज की गई वह भी उचित नहीं है। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अमित सिंह की जमानत याचिका मंजूर कर ली। जमानत के लिए जो प्रपत्र अपने अधिवक्ता के माध्यम से अमित सिंह ने पेश किए उनमें दावा किया गया कि उनकी ओर से कोई अनाधिकृत कार्य नहीं किया गया और न ही कोई आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है।
अमित सिंह के बाजपुर रोड पर राजाजी पुरम स्थित आवास पर बुधवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापा मारा था। सुबह से देर रात तक चली कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम ने घर से सात कारतूस और एक खोखा बरामद होने का दावा करते हुए अमित सिंह को थाना आईटीआई पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस की ओर से यह दावा करते हुए कि बरामद कारतूसों को रखने का अधिकारिक दस्तावेज नहीं दिखाए जाने पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था