मीडिया ग्रुप, 18 सितंबर, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को दावा किया कि वर्ष 2016 में प्रदेश में 17 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी दर थी जो अब घटकर मात्र चार से पांच प्रतिशत रह गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां लोक भवन में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षित लाभार्थियों को टूलकिट एवं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण वितरित करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ”पिछले डेढ़ वर्षों से पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रही है, ऐसी परिस्थितियों में देश में लॉकडाउन लगाना पड़ा था और लॉकडाउन के दौरान 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार तथा श्रमिक प्रदेश में वापस आ गये थे।”
उन्होंने कहा कि ” इस दौरान परम्परागत कारीगरों, हस्तशिल्पियों तथा उद्यमियों ने ऐसा तंत्र विकसित किया, जिससे उनके स्वावलम्बन के साथ ही प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत बनाने की संकल्पना को गति मिली है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि ”प्रदेश की आबादी 24 करोड़ है, बेरोजगारी दर प्रदेश में देश के अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है और वर्ष 2016 में प्रदेश में 17 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी दर थी, वहीं आज यह घटकर मात्र चार से पांच प्रतिशत रह गयी है।”
शुक्रवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से 21,000 लाभार्थियों को टूलकिट तथा 11,000 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण वितरित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या में साढ़े सात लाख दीये जलाए जाने का लक्ष्य है और इन दीयों को अयोध्या में ही बनाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि आगामी छह अक्टूबर को नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के रूप में जनसेवा के 20 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और उन्होंने (मोदी) अपने नेतृत्व क्षमता से देश को एक नई दिशा प्रदान की है।
उनकी जनसेवाओं को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज 17 सितम्बर से सात अक्टूबर, 2021 तक विकास उत्सव के रूप में आयोजित किया जा रहा है। योगी ने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत 68,400 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। कार्यक्रम को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह समेत कई प्रमुख लोगों ने संबोधित किया।