रुद्रपुर : कोर्ट के आदेश पर बैंक प्रबंधक समेत चार पर केस

रुद्रपुर। एक किसान ने निजी बैंक के शाखा प्रबंधक सहित चार लोगों पर उसके बेटे के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर 25 लाख रुपये का कृषि लोन लेने और हड़पने का आरोप लगाया है। मामले में अदालत के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीड़ित भारतेन्दु मिश्रा के अनुसार, उसकी गांव में 14.87 एकड़ जमीन है। वर्ष 2012 में उसने पीएनबी किच्छा से 15 लाख रुपये का कृषि लोन लिया था। 2013 में आईएनजी वैश्य बैंक, रुद्रपुर में अपनी जमीन को गिरवी रखकर 25 लाख रुपये का नया लोन लिया, जिससे पुराने लोन का टेकओवर किया गया। वर्ष 2014 में मिश्रा ने अपनी जमीन में से 5 एकड़ अपने दोनों बेटों के नाम कर दी। इसी दौरान बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक हेमंत ने किसान और उसके बेटे को बुलाकर कृषि लोन में गवाह बनने की बात कही। इसके लिए दो-दो ब्लैंक चेक मांगे गए। किसान के बेटे के पास चेक बुक न होने पर बैंक अधिकारियों ने उसका खाता खोलकर चेक बुक जारी कर दी और उससे हस्ताक्षर करवाकर चेक रख लिए।

अप्रैल 2015 में आईएनजी वैश्य बैंक का कोटक महिंद्रा बैंक में विलय हो गया। जनवरी 2023 में चंडीगढ़ पुलिस बेटे की गिरफ्तारी के वारंट के साथ उसके घर पहुंची। जांच करने पर पता चला कि बैंक अधिकारियों ने अगस्त 2014 में योगेश के नाम से 25 लाख रुपये का फर्जी कृषि लोन पास करवाया था और कुछ ही दिनों में पूरी रकम निकाल ली थी। बैंक में कार्यरत क्लेक्शन प्रतिनिधि मुकुल और सुरेन्द्र को दिए गए लोन भुगतान के पैसे भी इस फर्जी लोन खाते में डाल दिए गए। जब किसान ने बैंक से कागजात मांगे तो अधिकारियों ने कोई भी दस्तावेज दिखाने से इनकार कर दिया।

मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित चंडीगढ़ कोर्ट पहुंचा। वहां उसे पता चला कि 2014 में लिए गए चेकों का इस्तेमाल कर 2023 में 42 लाख रुपये की लोन रिकवरी के लिए चेक बाउंस का केस दर्ज किया गया था। इसके अलावा, रुद्रपुर निवासी राजीव और देवेंद्र को भी परेशान किया जाने लगा। आरोपियों ने दावा किया कि वे योगेश के लोन के गारंटर हैं, जबकि दोनों ने कभी किसी लोन के लिए हस्ताक्षर नहीं किए थे और न ही वे योगेश को जानते थे।

आरोपियों है शाखा प्रबंधक हेमंत, केसीसी प्रबंधक चरनजीत, क्लेक्शन प्रतिनिधि मुकुल और सुरेन्द्र —पर षड्यंत्र रचकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने, जालसाजी और धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित का आरोप है कि मौजूदा बैंक अधिकारी भी अपने पूर्व सहयोगियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं और उसके खाते की जानकारी नहीं दे रहे। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।