मीडिया ग्रुप, 24 नवंबर, 2021
नैनीताल। अपनी माँ की हत्या के आरोपी को फांसी की सजा का आदेश कोर्ट ने दिया है। प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में मां की गर्दन काटकर हत्या करने के दोषी बेटे को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही जानलेवा हमला करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई है। कोर्ट के अदालत के बाद जेल से लाये गए अभियुक्त को फिर जेल भेज दिया गया है।
अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि सात अक्टूबर 2019 को उदयपुर रेक्वाल क्वीरा फार्म, चोरगलिया निवासी बेटे ने मां का सिर धड़ से अलग कर दिया था। उसी दिन मृतका के पति सोबन सिंह पुत्र कुंवर सिंह निवासी ग्राम उदयपुर रेक्वाल, गौलापार द्वारा चोरगलिया थाने में बेटे डिगर सिंह कोरंगा के खिलाफ धारा– 302 व 307 के तहत मुकदमा दर्ज कराया।
वादी ने बताया कि मेरी पत्नी जैमती देवी के साथ बेटा डिगर सिंह भी घर पर था। अचानक से दोनों में कुछ विवाद हुआ। एकाएक डिगर सिंह ने दराती से अपनी माता के गर्दन पर वार कर हत्या कर दी है।
गवाहों ने बयान दर्ज कराए कि जब सोबन सिंह के मकान से गुजर रहे थे तो देखा कि डिगर सिंह अपने घर के आंगन में अपनी माता जैमती देवी को दराती से गर्दन पर वार कर रहा था। एक हाथ से सिर के बाल पकड़े हुए थे।
चिल्लाने पर देवकी देवी व मृतका की बहू नैना कोरंगा मौके पर आ गये थे, तब भी डिगर सिंह अपनी माता जोमती देवी की गर्दन पर वार कर रहा था।
साक्षी ने भी बयानों से यह साबित किया है कि डिगर सिंह द्वारा अपनी माता जोमती देवी की गर्दन पर वार कर गर्दन दराती से अलग की थी। बताया कि जब वह मौके पर पहुंची तो उसके देवर डिगर सिंह द्वारा साक्षी की सास के गले में दराती से वार कर उसका गला धड़ से अलग कर दिया।
डीजीसी फौजदारी द्वारा अपराध साबित करने को एक दर्जन गवाह पेश किए थे। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में भी आला कतल से वार से हत्या की पुष्टि हुई। बुधवार शाम को सजा पर लंबी बहस हुई तो अभियोजन ने तर्क दिया कि जिस मां ने बेटे को नौ माह तक गर्भ में पाला, उसी ने मौत के घाट उतार दिया। अभियुक्त को फांसी की सजा कम है। बचाव पक्ष ने न्यूनतम सजा का अनुरोध अदालत से किया, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया।