उधमसिंह नगर। आंगनबाडी कार्यकर्ता के रिश्वत लेते पकड़े जाने पर विभाग ने तत्काल कार्रवाई की है। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के आदेश पर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास परियोजना विभाग की तरफ से आरोपित कार्यकर्ता की सेवा समाप्त कर दी गई है। डीपीओ ने इसका आदेश भी जारी कर दिया है।
सितारगंज की एक बालिका ने वर्ष 2024 में नगर के ही राजकीय बालिका इंटर कालेज से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। छात्रा को नंदा गौरा योजना के तहत 40 हजार रुपये की धनराशि मिलनी थी। इसके एवज में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश ने नंदा गौरा योजना के फार्म पर हस्ताक्षर करने के एवज में रिश्वत मांगी थी।
छात्रा के भाई ने इसकी शिकायत सतर्कता विभाग के टोल फ्री नंबर की थी। इसकी जांच के बाद सतर्कता विभाग की टीम ने आरोपित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दो हजार रुपयों की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया था।
वहीं गिरफ्तारी के अगले दिन मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार ने मामले का संज्ञान लिया और रिश्वत लेने की आरोपित कार्यकर्ता के खिलाफ तत्काल सेवा समाप्ति की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस पर डीपीओ ने उसकी सेवा समाप्त कर दी। डीपीओ ने बताया कि महिला ने 18 मार्च 2006 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही थी।
सितारगंज की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के मामले में सख्त कार्रवाई की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। विभाग में भ्रष्टाचार किसी हाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
– मनीष कुमार, सीडीओ ऊधम सिंह नगर।