सिमरप्रीत सिंह
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कारनामे भी अजीबोगरीब हैं। बिना बीए पास किए छात्रा को एमए करा दिया गया है। छात्रा के उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में मामले की शिकायत पर आयोग ने प्रकरण की जांच कराई तो विश्वविद्यालय की लापरवाही सामने आई है।
आयोग ने विवि के कुलपति को छात्रा की बैक परीक्षाएं कराते हुए समस्या का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं। अल्मोड़ा निवासी छात्रा सना परवीन के मुताबिक उसने वर्ष 2016 में कुमाऊं विश्वविद्यालय के सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में बीए प्रथम सेमेस्टर में दाखिला लिया था।
अंग्रेजी प्रथम सेमेस्टर और दूसरे सेमेस्टर में मनोविज्ञान विषय में उसकी बैक आई थी। वर्ष 2019 में पांचवें सेमेस्टर में उसे उत्तीर्ण दिखाए जाने के बाद इसी साल उसे स्नातकोत्तर में दाखिला दे दिया गया।
बीए किए बिना एमए कर चुकी छात्रा की उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में शिकायत पर आयोग ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय टिहरी के कुलसचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की।
समिति ने आयोग को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि छात्रा की पहले और दूसरे सेमेस्टर में एक-एक विषय में बैक है।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय टिहरी के कुलसचिव खेमराज भट्ट की अध्यक्षता में गठित जांच समिति में एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के विधि विभाग के प्रोफेसर अरशद हुसैन, गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रो.राकेश कुमार, कुमाऊं विवि नैनीताल के डाॅ.संजीव कुमार ने प्रकरण की जांच की।
छात्रा के प्रकरण को देखा जा रहा है, इस संबंध में आयोग का जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा।
– दिनेश चंद्रा, कुलसचिव कुमाऊं विश्वविद्यालय
यह छात्रा के उत्पीड़न से संबंधित मामला है, उसे न्याय मिले इस संबंध में विश्वविद्यालय को निर्देश दिया गया है। यदि संबंधित मामले का जल्द निपटारा न हुआ तो विवि के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– मजहर नवाब, उपाध्यक्ष उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग