मीडिया ग्रुप, 19 सितंबर, 2021
विधायक चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के अगले मुख्यमंत्री होंगे। पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। चन्नी पंजाब के पहले दलित सिख मुख्यमंत्री होंगे। वे हरीश रावत के साथ साढ़े छह बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। इससे पहले उन्हें विधायक दल का नेता भी चुना गया।
वहीं दूसरी तरफ पूरे दिन नवजोत सिद्धू के नजदीकी सुखजिंदर रंधावा के सीएम बनाने की चर्चा जोरों पर रही। लेकिन शाम होते होते माहौल बदल गया। रंधावा के नाम पर विरोध उठा तो हाईकमान ने चन्नी को प्रदेश की बागडोर सौंपने का निर्णय ले लिया।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चरणजीत सिंह चन्नी को शुभकामनाएं दीं हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे उम्मीद है कि चन्नी पंजाब को सुरक्षित रखने और सीमा पार से बढ़ते सुरक्षा खतरे से हमारे लोगों की रक्षा करने में सक्षम हैं।
इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद रविवार को चंडीगढ़ में होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक स्थगित कर दी गई थी। कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के नामों पर मंथन किया जा रहा था। इसमें अंबिका सोनी से भी सोनिया गांधी ने राय ली थी। हालांकि सोनी ने मुख्यमंत्री पद की पेशकश को ठुकरा दिया था। राहुल गांधी से मिलने पहुंचीं सोनी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री का चेहरा सिख होना चाहिए।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि नवजोत सिद्धू देशद्रोही नहीं हैं। अगर अब के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू को देशद्रोही कहेंगे तो मैं पूरी किताब खोल दूंगा। कैप्टन के निशाने पर सिद्धू नहीं बल्कि गांधी परिवार है। मैं गांधी परिवार को निशाना नहीं बनने दूंगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछले पांच साल से पंजाब को बदनाम कर रहे हैं। इस पार्टी के लोग उन्हें पिछले साढ़े चार साल से बर्दाश्त करते आ रहे हैं। मैं पार्टी का नेता होता तो कैप्टन को 30 दिन में पार्टी से निकाल देता।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देने से पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि उनकी सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में 89 फीसदी वादों को पूरा किया है। चिट्ठी में कैप्टन ने पंजाब कांग्रेस में हो रहे राजनीतिक फेरबदल के कारण प्रदेश में अस्थिरता पैदा होने की भी आशंका जाहिर की।