मीडिया ग्रुप, 03 जून, 2022
लेखक – मनीष ग्रोवर 9837676185
शादी होने से पहले प्रीवेडिंग के नाम पर हमारी भारतीय संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से देश में भारतीय संस्कृति से होने वाले विवाह समारोह में प्रीवेडिंग के नाम पर एक नया प्रचलन सामने आया है।
इसके तहत होने वाले दूल्हा–दुल्हन अपने परिजनों की सहमति से शादी से पूर्व फोटोग्राफर के एक समूह के साथ देश के अलग-अलग सैर सपाटा की जगह बड़ी होटलों, हेरिटेज बिल्डिंग, समुद्री बीच में, जंगल जैसी जगहों पर जहां सामान्यता पति–पत्नी शादी के बाद हनीमून मनाने जाते हैं जाकर अलग-अलग और कम से कम परिधानों में एक दूसरे की बाहों में समाते हुए वीडियो शूट कर आते हैं।
फिर ऐसी वीडियो ग्राफी को शादी के दिन एक बड़ी स्क्रीन लगाकर जहां लड़की और लड़के के परिवार से जुड़े तमाम रिश्तेदार मौजूद होते हैं। उनकी उपस्थिति में सार्वजनिक रूप से उस जुड़े को वह सब करते हुए दिखाया जाता है।
जिनकी अभी शादी नहीं हुई है जिनको जीवनसाथी बनने के साक्षी बनाने और उन्हें आशीर्वाद देने के लिए सगे संबंधियों और सामाजिक लोगों को वहां बुलाया जाता है। लेकिन यह क्या गेट के अंदर घुसते ही जो देखने को मिलता है वह शर्मसार करने वाला होता है जिस भावी जोड़े हो हम वहां आशीर्वाद देने पहुंचते हैं वहां पहले से एक दूसरे की बाहों में झूल रहे होते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि सब दोनों परिवारों की सहमति से होता है।
लड़का लड़की कई दिन तक बाहर रहकर साथ में कई रातें बिता चुके होते हैं यह सब देख कर एक विचार मन में आता है जब सब कुछ हो चुका है तो आखिर हमें यहां क्यों बुलाया है। यह शुरुआत अभी उन घरानों से हो रही है जो समाज में नेतृत्वकर्ता है।
जो समाज सुधार की दिशा में कार्यक्रम करते रहते हैं ऐसे बड़े परिवार ऐसी शादियों को जो अपने पैसों के बल पर इस प्रकार की गलत प्रवृत्तियों को बढ़ावा देकर समाज के छोटे तबके के परिवार को संकट में डाल रहे हैं ऐसी शादियों ने भारतीय संस्कृति को संकट में डाल दिया है।