मीडिया ग्रुप, 14 सितंबर, 2022
फैटी लीवर की बीमारी लीवर में फैट जमा होने के कारण होती है। फैटी लीवर रोग दो प्रकार के होते हैं- अल्कोहलिक और नॉन-अल्कोहलिक।
अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है। वहीं नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर शराब के सेवन से संबंधित नहीं है।
यह उन लोगों में अधिक आम है जो मोटापा, मधुमेह टाइप 2, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप आदि से पीड़ित है। फैटी लीवर के इलाज के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव करना बेहद आवश्यक है।
तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही आसान उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो फैटी लीवर की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं-
फैटी लीवर की बीमारी कहीं ना कहीं अधिक वजन से जुड़ी है। इसलिए, अगर आप इस समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने वजन पर ध्यान दें। एक्टिव लाइफस्टाइल और खानपान के जरिए आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
जब आप अपने वजन को कम करने में सक्षम होते हैं तो आपकी कई स्वास्थ्य समस्याएं खुद ब खुद ठीक हो जाती हैं, जिसमें फैटी लीवर भी एक है।
2016 के शोध के अनुसार, कॉफी लीवर के लिए कई सुरक्षात्मक लाभ प्रदान करती है। विशेष रूप से, यह सूजन से लड़ने के लिए माना जाने वाला यकृत एंजाइम के उत्पादन को उत्तेजित करता है। इसी शोध में बताया गया है कि फैटी लीवर वाले लोगों में, नियमित रूप से कॉफी का सेवन लीवर की समग्र क्षति को कम करता है।
ब्लैक कॉफी सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें कोई अतिरिक्त वसा या चीनी नहीं होती है। चूंकि कॉफी में कैफीन होता है, इसलिए अपने सेवन पर ध्यान देना हमेशा एक अच्छा विचार है। आप दिन में एक से दो कप इसका सेवन कर सकते हैं।
2017 के शोध के अनुसार, फैटी लीवर अक्सर गतिहीन जीवन शैली से जुड़ा होता है। फैटी लीवर होने पर सक्रिय रहना महत्वपूर्ण है। आपको प्रति सप्ताह 5 दिन तक लगभग 30 मिनट तक कोई ना कोई एक्सरसाइज करने की जरूरत है।
हालाँकि, आपको व्यायाम करने के लिए कोई खेल खेलने या जिम जाने की ज़रूरत नहीं है। आप सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट की तेज गति से चल सकते हैं।