उत्तराखंड हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को पर्यावरण संरक्षण की हर तीन साल की विस्तृत रिपोर्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया से बनाने के दिये निर्देश।
मीडिया ग्रुप, 10 नवंबर, 2021
नैनीताल। उच्च न्यायालय ने देहरादून के समाज सेवी अजय नारायण शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को हर तीन वर्ष में उत्तराखंड के पर्यावरण संरक्षण की जमीनी हकीकत बयां करती एक विस्तृत रिपोर्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया से बनाने के निर्देश दिए हैं।
रिपोर्ट में जल, जंगल व जमीन के साथ साथ वायु की स्थिति और पूरे पर्यावरण का लेखा-जोखा हो। न्यायालय ने यह भी कहा है की देहरादून, नैनीताल समेत सभी शहरों की ऐसी रिपोर्ट अलग से हर दो वर्ष में तैयार की जाएगी, ताकि अनियंत्रित शहरी विकास को पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित किया जा सके।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में लगभग डेढ़ सौ मिनट चली सुनवाई के दौरान जिला अधिकारी देहरादून आर. राजेश कुमार, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार संत, नगर आयुक्त देहरादून अभिषेक रुहेला और सचिव राजस्व पुरुषोत्तम व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहे।
इस दौरान, जिला अधिकारी देहरादून को उच्च न्यायालय ने 14 दिसंबर तक एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। पूछा है कि अतिक्रमण सम्बन्धी शिकायतों की कितनी पत्रावली उनके दफ्तर में एक वर्ष में मिली है और उन्होंने उस पर क्या कार्यवाही की है। अगली सुनवाई की तिथि 15 दिसंबर नियत की गयी है।
सुनवाई के दौरान, पर्यावरण संरक्षण और बेइंतहा हो रहे अतिक्रमण पर सरकार की ओर से जो कार्यवाही नहीं की जा रही है, उसके बारे में मुख्य न्यायधीश ने आला अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की।